राष्ट्रपति मुर्मु ‘विंध्यागिरी’ के उद्घाटन समारोह में उपस्थित रहीं

PRESIDENT MURMU GRACES THE LAUNCH CEREMONY OF VINDHYAGIRI

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने  पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स इंजीनियर्स लिमिटेड में भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 17ए के छठे जहाज विंध्यागिरी के उद्घाटन समारोह में भाग लिया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि विंध्यागिरी का प्रक्षेपण भारत की समुद्री क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ने का प्रतीक है। इस स्वदेशी जहाज का निर्माण आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में भी एक कदम है। विंध्यागिरी, प्रोजेक्ट 17ए का हिस्सा है जो आत्मनिर्भरता और तकनीकी प्रगति के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह परियोजना अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए स्वदेशी नवाचार को प्रदर्शित करती है।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और हम निकट भविष्य में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बढ़ती अर्थव्यवस्था का मतलब है समुद्र के माध्यम से अधिक मात्रा में व्यापार और हमारी व्यापार की वस्तुओं के बड़े हिस्से का आवागमन होता है जो हमारे विकास और कल्याण के लिए महासागरों के महत्व को रेखांकित करता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र और बड़े हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा से जुड़े कई पहलू हैं तथा सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए नौसेना को हमेशा तत्पर रहना चाहिए।

 

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