“लाभार्थियों को सरकार के पीछे भागने की जरूरत नहीं है, बल्कि सरकार को लाभार्थियों तक पहुंचना चाहिए”
“विकसित भारत संकल्प यात्रा मेरे लिए एक परीक्षा है। मैं लोगों से जानना चाहता हूं कि अपेक्षित परिणाम हासिल हुए हैं या नहीं”
“सफल योजनाएं नागरिकों में स्वामित्व की भावना पैदा करती हैं”
“एक बार विकसित भारत के बीज बोए जाने के बाद, अगले 25 वर्षों का परिणाम हमारी आने वाली पीढ़ियों को मिलेगा”
“विकसित भारत, सभी कठिनाइयों से मुक्ति का मार्ग”
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी में विकसित भारत संकल्प यात्रा में भाग लिया। श्री मोदी ने स्टॉलों का भ्रमण किया और विकसित भारत यात्रा वैन एवं क्विज़ कार्यक्रम का भी दौरा किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से बातचीत की और उन्हें संबोधित भी किया। इस कार्यक्रम के दौरान विकसित भारत संकल्प शपथ भी दिलाई गई।
सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने पूरे भारत में अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में विकसित भारत संकल्प यात्रा में सभी संसद सदस्यों की भागीदारी की पुष्टि करते हुए कहा कि वह खुद एक सांसद और शहर के ‘सेवक’ के रूप में वाराणसी में वीबीएसवाई में भाग ले रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने योग्य लाभार्थियों तक समयबद्ध तरीके से और बिना किसी परेशानी के सरकारी योजनाओं की डिलीवरी सुनिश्चित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया और कहा,“लाभार्थियों को सरकार के पास भागने की जरूरत नहीं है। इसके बजाय सरकार को लाभार्थियों तक पहुंचना चाहिए।” यह बताते हुए कि पीएमएवाई के तहत 4 करोड़ परिवारों को पक्के घर दिए गए हैं, श्री मोदी ने हर योजना के पूरे होने की आवश्यकता बताई और उन लोगों तक पहुंचने की आवश्यकता पर जोर दिया जो पीछे छूट गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वीबीएसवाई का लक्ष्य लाभार्थियों के अनुभव को रिकॉर्ड करना है, साथ ही उन लोगों को भी शामिल करना है जो अब तक पीछे छूट गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “विकसित भारत संकल्प यात्रा मेरे लिए एक परीक्षा है।” उन्होंने कहा कि वह लोगों से जानना चाहते हैं कि अपेक्षित परिणाम हासिल हुए हैं या नहीं। कुछ समय पहले लाभार्थियों के साथ अपनी बातचीत को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत और आयुष्मान कार्ड जैसी योजनाओं के लाभों का उल्लेख किया। सरकारी योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने वाले अधिकारियों पर सकारात्मक कार्य के प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए श्री मोदी ने कहा कि इससे उन्हें नए सिरे से उत्साह और संतुष्टि की अनुभूति होती है। प्रधानमंत्री ने कहा, “जमीनी स्तर पर सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन के प्रभाव से सरकारी कर्मचारियों में खुशी का एक नया आयाम खुलता है, और यह विकसित भारत संकल्प यात्रा से संभव हो रहा है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने संतोष व्यक्त किया और योजनाओं के प्रभाव को प्रत्यक्ष रूप से जानने की परिवर्तनकारी शक्ति के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि यह जानना कि योजनाएं रसोई को धुएं से मुक्त कर रही हैं, पक्के मकान नए आत्मविश्वास का संचार कर रहे हैं, गरीब वर्ग सशक्त महसूस कर रहा है और अमीर और गरीब के बीच अंतर में कमी आ रही है, ये सभी बहुत संतुष्टि के स्रोत हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि सफल योजनाएं नागरिकों में स्वामित्व की भावना पैदा करती हैं। ऋण और अन्य सुविधाएं पाने वाले व्यक्ति को लगता है कि यह उसका देश है, उसकी रेलवे है, उसका कार्यालय है, उसका अस्पताल है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, जब स्वामित्व की भावना पैदा होती है तो देश के लिए कुछ करने की इच्छा भी पैदा होती है। इससे आने वाली पीढ़ियों के बेहतर भविष्य के लिए लोगों में विश्वास पैदा होगा।’
प्रधानमंत्री मोदी ने आजादी से पहले के समय को याद किया जब देश में शुरू किए गए सभी कार्य स्वतंत्र भारत को हासिल करने के एकमात्र लक्ष्य के लिए होते थे। प्रधानमंत्री ने कहा, “प्रत्येक नागरिक अपने तरीके से स्वतंत्रता के लिए योगदान दे रहा था”, यह स्वीकार करते हुए कि इससे एकता का माहौल बना जिसके कारण अंततः अंग्रेजों को भारत छोड़ना पड़ा, प्रधानमंत्री ने विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने और प्रत्येक व्यक्ति के सम्मान के साथ देश को आगे ले जाने के लिए समान दृष्टिकोण विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “एक बार विकसित भारत के बीज बो दिए जाने के बाद, अगले 25 वर्षों का परिणाम हमारी आने वाली पीढ़ियों को मिलेगा।” उन्होंने यह भी कहा, “आज प्रत्येक भारतीय को इसी सोच और संकल्प की आवश्यकता है।”
उन्होंने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा एक राष्ट्रीय प्रयास है, किसी राजनीतिक दल का कार्य नहीं, एक पवित्र कर्तव्य है। इसमें लोगों को सीधे तौर पर भाग लेना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा, “अगर कोई अखबारों में इसके बारे में पढ़कर संतुष्ट हो जाता है, तो वह कुछ महत्वपूर्ण चीज खो रहा है।” उन्होंने यात्रा के विभिन्न पहलुओं में शामिल होने में सक्षम होने पर व्यक्तिगत संतुष्टि भी व्यक्त की।
उन्होंने लाभार्थियों और नागरिकों से यात्रा के बारे में इस बात का सक्रिय रूप से प्रचार करने को कहा कि ‘सकारात्मकता से सकारात्मक माहौल बनता है’। वीबीएसवाई को एक महान संकल्प बताते हुए प्रधानमंत्री ने इसे ‘सबका प्रयास’ के माध्यम से साकार करने का आह्वान किया। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि एक विकसित भारत जो आर्थिक रूप से मजबूत होगा, अपने नागरिकों की सभी समस्याओं का समाधान करेगा। उन्होंने अंत में कहा, “सभी कठिनाइयों से मुक्ति का मार्ग विकसित भारत के संकल्प से होकर गुजरता है। मैं काशी के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि आपके प्रतिनिधि के रूप में और आपके द्वारा दी गई राष्ट्रीय जिम्मेदारी के लिए, मैं कोई कसर नहीं छोड़ूंगा।”
इस दौरान प्रधानमंत्री के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ भी थे।