प्रधानमंत्री मोदी 20 अक्टूबर को भारत के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) की शुरूआत करेंगे

PM Modi to launch India’s first Regional Rapid Transit System (RRTS) on 20th October


प्रधानमंत्री दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के प्राथमिकता खंड का उद्घाटन करेंगे; साहिबाबाद को दुहाई डिपो से जोड़ने वाली रैपिडएक्स ट्रेन रवाना करेंगे

देश में विकसित अत्याधुनिक क्षेत्रीय गतिशीलता समाधान आरआरटीएस दुनिया के सर्वश्रेष्ठ के बराबर है

आरआरटीएस के विकास से आर्थिक कार्यों को बढ़ावा मिलेगा; रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल के अवसरों तक बेहतर पहुंच प्रदान करेगा; और वायु प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी लाने में मदद मिलेगी

पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की तर्ज पर, रेलवे स्टेशनों, मेट्रो स्टेशनों, बस सेवाओं के साथ व्यापक मल्टी-मॉडल आरआरटीएस नेटवर्क जुड़ेगा

प्रधानमंत्री बेंगलुरु मेट्रो के पूर्व-पश्चिम गलियारे के दो हिस्से राष्ट्र को समर्पित करेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 20 अक्टूबर को सुबह लगभग 11:15 बजे उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद रैपिडएक्स स्टेशन पर दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के प्राथमिकता वाले खंड का उद्घाटन करेंगे। वह भारत में रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के शुभारंभ के साथ साहिबाबाद को दुहाई डिपो से जोड़ने वाली रैपिडएक्स ट्रेन को भी रवाना करेंगे। दोपहर करीब 12 बजे प्रधानमंत्री साहिबाबाद में एक सार्वजनिक कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे जहां वह देश में आरआरटीएस के शुभारंभ के अवसर पर सभा को संबोधित करेंगे। इसके अलावा, वह बेंगलुरु मेट्रो के पूर्व-पश्चिम गलियारे के दो हिस्सों को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे।

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता वाले जिस खंड का उद्घाटन किया जाएगा, वह गाजियाबाद, गुलधार और दुहाई स्टेशनों के साथ साहिबाबाद को ‘दुहाई डिपो’ से जोड़ेगा। प्रधानमंत्री ने 8 मार्च 2019 को दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर की आधारशिला रखी थी।

नए विश्व स्तरीय परिवहन बुनियादी ढांचे के निर्माण के माध्यम से देश में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बदलने की प्रधानमंत्री की कल्पना के अनुरूप, क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) परियोजना विकसित की जा रही है। आरआरटीएस एक नई रेल-आधारित, सैमी हाई स्पीड, हाई फ्रीक्वैन्सी वाली कम्यूटर ट्रांज़िट प्रणाली है। 180 किमी प्रति घंटे की गति के साथ, आरआरटीएस एक परिवर्तनकारी, क्षेत्रीय विकास पहल है, जिसे हर 15 मिनट में इंटरसिटी आवागमन के लिए हाई-स्पीड ट्रेनें प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो आवश्यकता के अनुसार हर 5 मिनट की फ्रीक्वैन्सी तक जा सकती है।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में तैयार किए जाने वाले कुल आठ आरआरटीएस कॉरिडोर की पहचान की गई है, जिनमें से तीन कॉरिडोर को चरण- I में लागू करने की प्राथमिकता दी गई है, जिसमें दिल्ली-गाजियाबाद- मेरठ कॉरिडोर; दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी-अलवर कॉरिडोर; और दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर शामिल है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तैयार किया जा रहा है, और यह गाजियाबाद, मुरादनगर और मोदीनगर के शहरी केंद्रों से गुजरते हुए एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली को मेरठ से जोड़ेगा।

देश में विकसित आरआरटीएस एक अत्याधुनिक क्षेत्रीय गतिशीलता समाधान है, और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ से इसकी बराबरी की जा सकती है। यह देश में एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए सुरक्षित, विश्वसनीय और आधुनिक आवागमन की सुविधा प्रदान करेगा। पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप, आरआरटीएस नेटवर्क में रेलवे स्टेशनों, मेट्रो स्टेशनों, बस सेवाओं आदि के साथ व्यापक मल्टी-मॉडल-एकीकरण होगा। इस तरह के परिवर्तनकारी क्षेत्रीय गतिशीलता समाधान क्षेत्र में आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देंगे; रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल के अवसरों तक बेहतर पहुंच प्रदान करेंगे; और वाहनों की भीड़भाड़ और वायु प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी लाने में मदद मिलेगी।

बेंगलुरु मेट्रो

प्रधानमंत्री औपचारिक रूप से जिन दो मेट्रो खंडों को राष्ट्र को समर्पित करेंगे उनमें बैयप्पनहल्ली को कृष्णराजपुरा और केंगेरी को चैल्लाघट्टा से जोड़ने वाले खंड शामिल हैं। औपचारिक उद्घाटन की प्रतीक्षा किए बिना, इस गलियारे पर जनता को आवागमन की सुविधा प्रदान करने के लिए इन दो मेट्रो खंडों को 9 अक्टूबर, 2023 से सार्वजनिक सेवा के लिए खोल दिया गया था।

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