*केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने ऊर्जा दक्षता एवं ऊर्जा संरक्षण उपायों के क्षेत्र में सहयोग से संबंधित भारत और भूटान के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर को मंजूरी दी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ऊर्जा दक्षता एवं ऊर्जा संरक्षण उपायों के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भारत और भूटान के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दे दी।
भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के ऊर्जा दक्षता ब्यूरो तथा भारत सरकार के ऊर्जा और प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय के ऊर्जा विभाग और भूटान की शाही सरकार के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
इस समझौता ज्ञापन के हिस्से के रूप में, भारत का लक्ष्य ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा विकसित स्टार लेबलिंग कार्यक्रम को बढ़ावा देकर घरेलू क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता बढ़ाने में भूटान की सहायता करना है। भूटान की जलवायु स्थिति के अनुरूप बिल्डिंग कोड तैयार करने में भारत के अनुभव के आधार पर मदद की जाएगी। ऊर्जा लेखा परीक्षकों के प्रशिक्षण को संस्थागत बनाकर भूटान में ऊर्जा पेशेवरों के एक समूह के निर्माण की परिकल्पना की गई है।
रीटेल विक्रेताओं के प्रशिक्षण से स्टार रेटेड उपकरणों से बचत के संबंध में उपभोक्ता-लोगों के बीच ऊर्जा कुशल उत्पादों के प्रसार में मदद मिलेगी। भारत का लक्ष्य मानक व लेबलिंग योजना को विकसित करने और लागू करने के प्रयास में भूटान का समर्थन करना है।
या तो ज्यादा बिजली की खपत करने वाले होम एप्लायंसेज या कमर्शियल यूनिट्स द्वारा सबसे ज्यादा बिजली की खपत होती है। ज्यादा बिजली खपत करने वाली उपभोक्ता वस्तुओं में तेजी से वृद्धि को देखते हुए, विद्युत ऊर्जा की मांग हर साल बढ़ रही है। यदि उपभोक्ता उच्च दक्षता वाले उपकरण पसंद करते हैं तो इस बढ़ती मांग को अनुकूलित किया जा सकता है। बीईई देश के स्टार-लेबलिंग कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहा है जिसमें अब दैनिक जीवन में उपयोग किए जाने वाले 37 उपकरण शामिल हैं।
यह समझौता ज्ञापन विद्युत मंत्रालय द्वारा विदेश मंत्रालय (एमईए) और उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के परामर्श से तैयार किया गया है। यह समझौता ज्ञापन भारत और भूटान के बीच ऊर्जा दक्षता एवं ऊर्जा संरक्षण से संबंधित सूचना, डेटा और तकनीकी विशेषज्ञों के आदान-प्रदान को सक्षम करेगा। इससे भूटान को बाजार में ऊर्जा कुशल उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। यह समझौता ज्ञापन ऊर्जा दक्षता नीतियों और ऊर्जा दक्षता अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी के उपयोग के क्षेत्र में सहयोग का विश्लेषण करेगा।
*केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में भारत और भूटान के बीच समझौते पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भूटान फूड एंड ड्रग अथॉरिटी (बीएफडीए), स्वास्थ्य मंत्रालय, रॉयल गवर्नमेंट ऑफ भूटान तथा भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के बीच खाद्य सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग के संबंध में एक समझौते पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दी।
भूटान फूड एंड ड्रग अथॉरिटी (बीएफडीए), स्वास्थ्य मंत्रालय, रॉयल गवर्नमेंट ऑफ भूटान तथा भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के बीच इस समझौते पर हस्ताक्षर होने से दोनों पड़ोसी देशों के बीच कारोबार में सुगमता आएगी। भारत से उत्पादों का निर्यात करते समय बीएफडीए एफएसएसएआई द्वारा निर्धारित आवश्यकताओं के अनुपालन के प्रमाण के रूप में एक स्वास्थ्य प्रमाणपत्र जारी करेगा। इससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को प्रोत्साहन मिलेगा और दोनों पक्षों के लिए अनुपालन लागत कम होगी।
*केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत-मध्य पूर्व यूरोप आर्थिक गलियारे को सशक्त बनाने तथा संचालन के लिए सहयोग से संबंधित भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच अंतर-सरकारी फ्रेमवर्क समझौते को मंजूरी दी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज अंतर-सरकारी फ्रेमवर्क समझौते (आईजीएफए) को पूर्वव्यापी मंजूरी दे दी है। भारत-मध्य पूर्व यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) को सशक्त बनाने तथा इसके संचालन के लिए सहयोग से संबंधित इस समझौते पर भारत सरकार और संयुक्त अरब अमीरात सरकार के बीच उच्च स्तरीय यात्रा के दौरान 13 फरवरी, 2024 को हस्ताक्षर किए गए थे। आईजीएफए का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाना एवं बंदरगाहों, समुद्री तथा लॉजिस्टिक क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत बनाना है।
आईजीएफए में भारत-मध्य पूर्व यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) के विकास के संबंध में भविष्य में संयुक्त निवेश और सहयोग की संभावनाओं का पता लगाने के उद्देश्य से दोनों देशों के बीच सहयोग के क्षेत्र शामिल हैं।
इस समझौते में दोनों देशों के बीच सहयोग की विस्तृत रूपरेखा है। यह सहयोग पारस्परिक रूप से सहमत सिद्धांतों, दिशानिर्देशों और दोनों देश के अधिकार क्षेत्रों के तहत प्रासंगिक नियमों एवं विनियमों के अनुरूप समझौतों के एक समुच्चय पर आधारित होगा।
*केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली मेट्रो के चरण-IV की परियोजनाओं के दो गलियारों यानी (i) लाजपत नगर से साकेत जी-ब्लॉक और (ii) इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ को मंजूरी दी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली मेट्रो के चरण-IV की परियोजना के दो नए गलियारों को मंजूरी दे दी, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में मेट्रो की कनेक्टिविटी और बेहतर होने की उम्मीद है।
ये दो गलियारे हैं;
अ) इन्द्रलोक-इन्द्रप्रस्थ 12.377 किलोमीटर
ब) लाजपत नगर- साकेत जी ब्लॉक 8.385 किलोमीटर
परियोजना लागत और वित्त पोषण
दिल्ली मेट्रो के चरण-IV की परियोजना के इन दोनों गलियारों की कुल परियोजना लागत 8,399 करोड़ रुपये है, जिसकी व्यवस्था भारत सरकार, दिल्ली सरकार और अंतर्राष्ट्रीय फंडिंग एजेंसियों से की जाएगी।
इन दोनों लाइनों में कुल 20.762 किलोमीटर का समावेश होगा। इंद्रलोक- इंद्रप्रस्थ गलियारे से ग्रीन लाइन का विस्तार होगा और यह रेड, येलो, एयरपोर्ट लाइन, मैजेंटा, वॉयलेट एवं ब्लू लाइनों के साथ इंटरचेंज प्रदान करेगा, जबकि लाजपत नगर- साकेत जी ब्लॉक गलियारा सिल्वर, मैजेंटा, पिंक एवं वॉयलेट लाइनों को जोड़ेगा।
लाजपत नगर-साकेत जी ब्लॉक गलियारा पूरी तरह से एलिवेटेड होगा और इसमें कुल आठ स्टेशन होंगे। इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ गलियारे में 11.349 किलोमीटर लंबी भूमिगत लाइनें और 1.028 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड लाइनें होंगी, जिसमें कुल 10 स्टेशन होंगे।
इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ लाइन हरियाणा के बहादुरगढ़ क्षेत्र को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी क्योंकि इन क्षेत्रों के यात्री सीधे इंद्रप्रस्थ के साथ-साथ मध्य एवं पूर्वी दिल्ली के विभिन्न अन्य इलाकों में पहुंचने के लिए ग्रीन लाइन पर यात्रा करने में समर्थ होंगे।
इन गलियारों पर इंद्रलोक, नबी करीम, नई दिल्ली, दिल्ली गेट, इंद्रप्रस्थ, लाजपत नगर, चिराग दिल्ली और साकेत जी ब्लॉक में आठ नए इंटरचेंज स्टेशन बनेंगे। ये स्टेशन दिल्ली मेट्रो नेटवर्क की सभी परिचालन लाइनों के बीच इंटरकनेक्टिविटी को उल्लेखनीय रूप से बेहतर बनायेंगे।
दिल्ली मेट्रो पहले से ही अपने विस्तार के चौथे चरण के तहत 65 किलोमीटर के एक नेटवर्क का निर्माण कर रही है। इन नए गलियारों के मार्च 2026 तक विभिन्न चरणों में पूरा होने की उम्मीद है। वर्तमान में, डीएमआरसी 286 स्टेशनों वाले 391 किलोमीटर के नेटवर्क का संचालन करता है। दिल्ली मेट्रो अब दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते मेट्रो नेटवर्कों में से एक है।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएमआरसी) ने बोली-पूर्व गतिविधियों और निविदा दस्तावेज तैयार करने की प्रक्रिया की शुरुआत पहले ही कर दी है।
*कैबिनेट ने भारत से भूटान को पेट्रोलियम, तेल, स्नेहक (पीओएल) और संबंधित उत्पादों की सामान्य आपूर्ति पर भारत और भूटान के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये जाने की मंजूरी दी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज भारत से भूटान को पेट्रोलियम, तेल, स्नेहक (पीओएल) और संबंधित उत्पादों की सामान्य आपूर्ति पर भारत सरकार और भूटान की शाही सरकार के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये जाने की मंजूरी दे दी है।
इसका उद्देश्य विशेष रूप से हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में, किसी भी लैंगिक, वर्ग या आय पूर्वाग्रह के बिना, भूटान के साथ बेहतर आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों के जरिये भारत और इसके नागरिकों को लाभ पहुंचाना है।
लाभ:
समझौता ज्ञापन हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देगा और भूटान को पेट्रोलियम उत्पादों की सुरक्षित और दीर्घकालिक आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।
चूंकि, आत्मनिर्भर भारत को साकार करने में निर्यात महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इस एमओयू से आत्मनिर्भर भारत को बल मिलेगा।
यह एमओयू, भारत की ‘पड़ोसी पहले’ की नीति के तहत ऊर्जा सेतु के रूप में रणनीतिक रूप से उपयुक्त सिद्ध होगा।