दिल्ली स्ट्डी ग्रुप (प्रमुख गैर सरकारी संगठन) के तत्वाधान में ‘‘बॉग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार’’ पर विशाल विरोध सभा कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में आयोजित की गई। इसमें बॉग्लादेश के हिंदुओं की दयनीय स्थिति पर गहरी चिंता, निराशा व निंदा व्यक्त की गई। इसे वर्तमान में, विश्व के इतिहास में दुःखद अध्याय बताया गया। हिंदुओं के खिलाफ हिंसा, रक्तपात, जबरन इस्लामी धर्मांतरण, विस्थापन और हिंदु अल्पसंख्यकों को चिन्ह्नित कर निशाना बनाया जा रहा है। इस विरोध सभा को आलोक कुमार, अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष विश्व हिंदू परिषद्, परम पूज्य जैन आचार्य डॉ. लोकेश मुनि जी (संस्थापक-अहिंसा विश्व भारती व विश्व शांति केंद्र) व एम. नागेश्वर राव, आईपीएस (सेवानिवृत्त) पूर्व सीबीआई निदेशक ने संबोधित किया। दिल्ली स्ट्डी ग्रुप अध्यक्ष डॉ. विजय जौली, विधायक तीसरी विधानसभा दिल्ली ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यक्रम का संचालन महिला नेत्री रितु राठौर ने किया।
बॉग्लादेश में हिंदुओं के धार्मिक उत्पीड़न की शुरूआत सरकार के तख्तापलट के बाद हुई। जिसमें बॉग्लादेश की 10वीं निर्वाचित प्रधानमंत्री शेख हसीना को 5 अगस्त 2024 को ढाका से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा। और उनकी जगह मोहम्मद यूनुस को नियुक्त किया गया। तब से, अल्पसंख्यक हिंदुओं पर धार्मिक उत्पीड़न और हिंसक हमले कई गुना बढ़ गये हैं।
असंख्य हिंदुओं पर अत्याचार, उनकी सुरक्षा, सम्मान पर आघात और उनकी हत्याएं बड़े पैमाने पर हो रही हैं। हाल ही में बांग्लादेश सम्मिलित सनातन जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी गहरी चिंता का विषय है। हम इसकी निंदा करते हैं। और उनकी तत्काल रिहाई की मांग करते हैं।
बॉग्लादेश में हिंदु समुदाय भेद-भाव, हिंसा और सामाजिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। इससे उनकी व्यक्तिगत धार्मिक स्वतंत्रता व विकास में बाधाएं उत्पन्न हो रही है। चरमपंथी तत्व आगजनी, चोरी और बर्बरता की घटनाओं में लिप्त हैं। जबकि अल्पसंख्यकों पर हमले व लूटपाट बेकाबू है। हिंदू देवताओं व मंदिरों का अपमान दुर्भाग्यपूर्ण और आक्रोशपूर्ण है। बांग्लादेश में धार्मिक घृणा अपराध के बढ़ते मामले निंदनीय व चिंताजनक है।
बॉग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार के खिलाफ – आवाज उठाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक सुश्री तुलसी गब्बार्ड व भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हम आभारी हैं।
इस विरोध सभा का उद्देश्य बॉग्लादेश के हिंदुओं की दयनीय स्थिति, उनकी धार्मिक स्वतंत्रता व सुरक्षा के लिए संवाद को बढ़ावा देना है। हम बॉग्लादेश सरकार से वहॉ रह रहे सभी हिंदुओं व अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तथा जीवन की रक्षा के अधिकार की दृढ़ता से मांग करते हैं।