प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यसभा के सभी सेवानिवृत्त सदस्यों के योगदान की सराहना करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। प्रधानमंत्री ने सेवानिवृत्त होने वाले सदस्यों के अनुभवों साझा करते हुए कहा कि उनके जाने से शेष सदस्यों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है, क्योंकि उन्हें निवर्तमान सदस्यों के कर्तव्यों का निर्वहन करना होता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सदन पूरे देश की संवेदनाओं, भावनाओं, व्यथा और उत्साह को दर्शाता है। श्री मोदी ने कहा कि वास्तविकता यह है कि एक सदस्य के रूप में हम सदन में बहुत योगदान करते हैं लेकिन यह भी सत्य है कि सदन हमें बहुत कुछ देता है क्योंकि सदन हर दिन भारत के विभिन्न स्वरूपों से युक्त समाज की वर्तमान व्यवस्थाओं को समझने का अवसर देता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हो सकता है कि कुछ सदस्य सदन से सेवानिवृत्त हो रहे हों लेकिन वे अपने समृद्ध अनुभव को अपने साथ देश के कोने-कोने तक ले जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि सदस्यों को अपनी यादों को भावी पीढ़ियों के लिए उपयोगी संदर्भ के रूप में कलमबद्ध करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सदस्य देश की दिशा को आकार देते हैं और इसे प्रभावित भी करते हैं, उनके संस्मरणों का उपयोग संस्थागत तरीके से देश के विकास के लिए किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने सेवानिवृत्त होने वाले सदस्यों से आजादी का अमृत महोत्सव के उत्सव में लोगों को प्रेरित करने का अनुरोध किया।