“गायत्री परिवार द्वारा आयोजित अश्वमेघ यज्ञ एक भव्य सामाजिक अभियान बन गया है”
“बड़ी राष्ट्रीय और वैश्विक पहलों के साथ एकीकरण युवाओं को छोटी-छोटी बाधाओं से दूर रखेगा”
“नशीले पदार्थ मुक्त भारत के निर्माण के लिए परिवारों का संस्था के रूप में मजबूत होना अनिवार्य है”
“एक प्रेरित युवा नशे के सेवन की ओर नहीं बढ़ सकता”
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो संदेश के माध्यम से गायत्री परिवार द्वारा आयोजित अश्वमेघ यज्ञ को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने इसकी शुरुआत आगामी चुनावों के दिनों में ‘अश्वमेध यज्ञ’ से जुड़ने की दुविधा से करते हुए इसका गलत अर्थ निकाले जाने से की। याद्यपि, उन्होंने कहा, “जब मैंने अश्वमेध यज्ञ को आचार्य श्री राम शर्मा की भावनाओं को बनाए रखने और इसे नए अर्थ से देखा, तो मेरी दुविधा दूर हो गई”
“गायत्री परिवार द्वारा आयोजित अश्वमेघ यज्ञ एक भव्य सामाजिक अभियान बन गया है,” प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लाखों युवाओं को नशे के व्यसन से दूर रखने और राष्ट्र-निर्माण गतिविधियों की ओर जोड़ने की दिशा में इसकी भूमिका को स्वीकार करते हुए इस पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत के भविष्य का निर्माण करने और इसके विकास में योगदान देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को समझते हुए कहा, “युवा हमारे देश का भविष्य हैं।” उन्होंने इस नेक प्रयास के प्रति प्रतिबद्धता के लिए गायत्री परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। आचार्य श्री राम शर्मा और माता भगवती की शिक्षाओं के माध्यम से जनमानस को प्रेरित करने के उनके प्रयासों की सराहना करते हुए, प्रधानमंत्री ने गायत्री परिवार के कई सदस्यों के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों का स्मरण किया।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द मोदी ने युवाओं को नशे के कुचक्र से बचाने और पहले से ही नशे से प्रभावित लोगों की सहायता करने की अनिवार्यता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा “नशा व्यक्तियों और समाजों का विनाश करता है, जिससे भारी नुकसान होता है।” उन्होंने तीन से चार वर्ष पूर्व शुरू की गई नशा-मुक्त भारत की राष्ट्रव्यापी पहल के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की जिसमें 11 करोड़ से अधिक लोगों ने भाग लिया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सामाजिक और धार्मिक संगठनों के सहयोग से आयोजित बाइक रैलियों, शपथ ग्रहण समारोहों और नुक्कड़ नाटकों सहित व्यापक प्रयासों पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री अपने मन की बात कार्यक्रम में भी नशे के खिलाफ निवारण उपायों के महत्व पर जोर देते रहे हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विकासित और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों को प्राप्त करने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा, “जैसे ही हम अपने युवाओं को बड़ी राष्ट्रीय और वैश्विक पहलों के साथ एकीकृत करते हैं, वे हीन व गलत कार्यो से दूर हो जाएंगे।” प्रधानमंत्री श्री मोदी ने वैश्विक पहल में सामूहिक प्रयासों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “भारत की अध्यक्षता में जी-20 शिखर सम्मेलन का विषय ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ हमारे साझा मानवीय मूल्यों और आकांक्षाओं का उदाहरण है।” एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड’ और ‘एक विश्व, एक स्वास्थ्य।’ प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा, “ऐसे राष्ट्रीय और वैश्विक अभियानों में हम अपने युवाओं को जितना अधिक जोड़ेंगे, उतना ही वे गलत मार्ग से दूर रहेंगे।”
खेल और विज्ञान पर सरकार के फोकस पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने टिप्पणी की, “चंद्रयान की सफलता ने युवाओं में प्रौद्योगिकी के प्रति एक नया रूझान जागृत किया है,” प्रधानमंत्री श्री मोदी ने युवाओं की ऊर्जा को सही दिशा देने में ऐसी पहलों के परिवर्तनकारी प्रभाव पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि फिट इंडिया मूवमेंट और खेलो इंडिया जैसी पहल युवाओं को प्रेरित करेगी और “एक प्रेरित युवा नशीले पदार्थों के सेवन की ओर नहीं बढ़ सकता”।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने नए संगठन ‘मेरा युवा भारत’ ‘(माय भारत)’ की बात करते हुए बताया कि राष्ट्र निर्माण के लिए युवा शक्ति के सही उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 1.5 करोड़ से अधिक युवा पहले ही पोर्टल पर पंजीकरण करा चुके हैं।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने नशीलें पदार्थों के व्यसन के विनाशकारी परिणामों की बात करते हुए नशीलें पदार्थों के सेवन को जड़ से खत्म करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने नशीलें पदार्थों के सेवन से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए मजबूत पारिवारिक सहायता प्रणाली की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने पुष्टि की, “इसलिए, नशीले पदार्थ मुक्त भारत के निर्माण के लिए, परिवारों का संस्थानों के रूप में मजबूत होना अनिवार्य है।”
“राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर, मैंने कहा था कि भारत के लिए एक हजार साल की एक नई यात्रा की शुरूआत हो रही है” प्रधानमंत्री श्री मोदी ने देश के गौरवशाली भविष्य की दिशा में विश्वास व्यक्त करते हुए स्मरण किया। उन्होंने व्यक्तिगत विकास के प्रयासों और राष्ट्रीय विकास के माध्यम से वैश्विक नेतृत्व बनने की दिशा में भारत की यात्रा के बारे में आशा व्यक्त करते हुए कहा, “इस अमृत काल में, हम इस नए युग की शुरुआत के साक्षी बन रहे हैं।”